दुनिया में इस्लाम कैसे फैला-islam aaj har jagah kaise fail raha hai


इस्लाम दुनिया में कैसे फैला ? 

बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम 
आज हम एक बहुत ही अहम और अहम सवाल पर बात करने जा रहे हैं, जो सदियों से उठाया जाता रहा है: क्या इस्लाम तल-वार के ज़ोर से फैला? कई लोग यह दावा करते हैं कि इस्लाम एक ऐसा मज़हब है जो ज़बरदस्ती फैलाया गया, लेकिन अगर हम खुली आँखों से इतिहास, कुरआन, हदीस और तर्क से इस मसले को देखें, तो हमें सच्चाई कुछ और ही नज़र आती है। 

इस्लाम का असल मक़सद अमन और इंसाफ़ 

इस्लाम का नाम ही "सलाम" से निकला है, जिसका मतलब है शांति। अल्लाह तआला ने कुरआन में फरमाया
"ला इक़राहा फिद्दीन" 
"दीन में कोई ज़बरदस्ती नहीं" (सूरह अल-बक़रह अ:256) 
इस आयत से साफ़ हो जाता है कि इस्लाम ज़बरदस्ती किसी पर थोपा नहीं जाता, बल्कि यह इंसान के दिल और दिमाग़ को दावत देकर हक़ की तरफ़ बुलाता है। इस्लाम अमन शान्ति सच्चाई का पैगाम देता है! 

हुज़ूर सल्लल्लाहु-अलैहि-वसल्लम की सीरत रहमतुल्लिल आलमीन

अगर कोई यह कहे कि इस्लाम तलवा-र से फैला, तो सबसे पहले हमें हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़िन्दगी मुबारक सीरत मुबारक को देखना होगा के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इस्लाम कैसे फैलाया? 
1. मक्का में 13 साल तक सब्र और दावत 
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जब एलान ए नुबुव्वत फ़रमाया, तो उन्होंने मक्का में 13 साल तक सिर्फ़ अमन और मोहब्बत से दावत दी। उन्होंने न तलवा-र उठाई, न किसी से ज़बरदस्ती की, बल्कि सब्र किया। इस दौरान उन पर और उनके साथियों पर काफ़िरों ने जुल्म की इंतिहा कर दी -
• उन्हें गालियाँ दी गई, 
• पत्थर मारे गए, 
• हज़रत बिलाल (रदीअल्लाहु अन्हु) को तपती रेत पर लिटाकर मारा गया, 
• सहाबियों को बुरी तरह सज़ा दी गई। 
अगर इस्लाम तलवा-र से फैलता, तो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उसी वक़्त तलवा-र उठाते! लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। 
2. फ़तह-ए-मक्का आम माफी का सबक़ 
जब मुसलमान मक्का पर फतह पा गए, यानी कि उनके दुश्मनों पर क़ाबू हो गया, उस वक़्त अगर इस्लाम तलवा-र से फैलता, तो सबसे पहला काम मक्का के सभी काफ़िरों को क़-त्ल करना होता। लेकिन इसके उलट, मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यह नहीं किया! बल्कि उन्होंने अपने तमाम दुश्मनों के लिए आम माफी का ऐलान कर दिया। 
उन्होंने फ़रमाया "आज तुम सबके लिए माफी है। तुम सब आज़ाद हो! 
क्या यह तलवा-र की ताकत थी या रहमत और मोहब्बत की ताकत ? यह हर इंसाफ़ पसंद इंसान खुद सोच सकता है। 
इस्लाम तलवा-र से फैलता तो उन मुमालिक में जहाँ मुसलामानों की हुकूमत थी सभी मुसलमान होते ! 
एक बहुत आसान मिसाल हमारे सामने उन मुमालिक की भी है जहां मुसलामानों ने सदियों हुकूमत की लेकिन वहां किसी को ज़बरदस्ती मुस्लमान नहीं बनाया गया बल्के उन्हें आज़ादी से रहने दिया। 
अगर इस्लाम सच में तलवा-र से फैला होता, तो मुस्लिम हुकूमत के दौरान सभी को जबरन मुसलमान बना दिए जाते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा, मुसलमानों ने  लोगों को उनके धर्म और रीति-रिवाजों के साथ रहने दिया। 

इस्लाम की तालीम - इंसाफ़ और मोहब्बत

इस्लाम की तालीम हमेशा इंसाफ़ और मोहब्बत पर रही है। हज़रत उमर (रदीअल्लाहु अन्हु) जब खलीफा बने, तो उन्होंने ईसाइयों और यहूदियों के साथ कैसा बर्ताव किया? उन्होंने जज़िया नाम का एक मामूली टैक्स लगाया और गैर-मुस्लिमों को उनके धर्म पर रहने की पूरी आज़ादी दी। अगर इस्लाम तलवा-र से फैलता, तो जज़िया लगाने की ज़रूरत ही नहीं थी, बल्कि सबको ज़बरदस्ती मुसलमान बना दिया जाता! 
तारीख़ी हक़ीक़त - मुसलमान फतहकारों का रवैया 
इस्लाम की तारीख में हमें यह भी देखने को मिलता है कि जब मुसलमान फतह हासिल करते थे, तो वह वहां के लोगों को इस्लाम कबूल करने पर मजबूर नहीं करते थे। 
1. मिस्र और सीरिया की फतह 
जब हज़रत उमर (रदीअल्लाहु अन्हु) के दौर में मिस्र और सीरिया फतह हुए, तो वहां के ईसाइयों को उनके धर्म पर रहने दिया गया। चर्चों को नहीं तोड़ा गया, बल्कि मुसलमानों ने उनके धार्मिक स्थलों की हिफ़ाज़त की। 
2. स्पेन (अंदलुस) की हुकूमत 
स्पेन में मुसलमानों ने 700 साल तक हुकूमत की, लेकिन ईसाइयों और यहूदियों को उनके धर्म पर रहने दिया।
लेकिन जब ईसाई हुकूमत आई, तो उन्होंने मुसलमानों और यहूदियों को जबरदस्ती ईसाई बनने पर मजबूर किया या उन्हें मार डाला। 

आज इस्लाम कैसे फैल रहा है? 

आज इस्लाम दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला मज़हब है। क्या यह तलवा-र से हो रहा है? नहीं! बल्कि यह इस्लाम की तालीम, इसकी सच्चाई और इसकी इंसाफ़ पसंदी की वजह से हो रहा है। 
1. अमेरिका और यूरोप में इस्लाम 
आज अमेरिका-और-यूरोप में हजारों लोग हर साल इस्लाम कबूल कर रहे हैं। क्या वहाँ कोई तलवा-र लेकर उन्हें जबरदस्ती मुसलमान बना रहा है? नहीं! बल्कि लोग इस्लाम की तालीम से मुतास्सिर होकर खुद मुसलमान बन रहे हैं। 
2. अफ्रीका और एशिया में इस्लाम 
अफ्रीका और एशिया के बहुत से हिस्सों में इस्लाम व्यापारियों और सूफ़ियों की वजह से फैला। उन्होंने तलवा-र नहीं चलाई, बल्कि अपने अच्छे अख़लाक़ और अमानतदारी से लोगों को इस्लाम की तरफ़ बुलाया। 
नतीजा - इस्लाम एक दावत है, कोई ज़बरदस्ती नहीं 
इस्लाम कभी भी तलवा-र के ज़ोर पर नहीं फैला। यह एक ऐसी रोशनी है, जो लोगों के दिलों को अपने अख़लाक़, इंसाफ़ और अमन से रोशन कर देती है।
अगर इस्लाम त-लवार से फैला होता, तो मक्का के काफ़िरों को आम माफी न मिलती। 
अगर इस्लाम त-लवार से फैला होता, तो अमेरिका-और-यूरोप में लोग इसे कबूल न कर रहे होते। 
असल हकीकत यह है कि इस्लाम का पैग़ाम मोहब्बत, इंसाफ़ और रहमत है। अल्लाह हमें सच्चाई समझने और उस पर अमल करने की तौफ़ीक़ दे। 
वाख़िरु दावाना अनिल हम्दुलिल्लाहि रब्बिल आलमीन।

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islami Aaina
यहां इस्लामी मकालात शेयर किए जाते हैं, हमारा मकसद इस्लाम का पैग़ाम, मोहब्बत, अमन और इन्साफ़, लोगों तक पहुँचाना है।

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